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हिमाचल प्रदेश में 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं के नतीजे कब जारी होंगे। नतीजे जारी होने की संभावित तारीख क्या है? आपके इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम देने की कोशिश करेंगे। छात्राओं द्वारा लगातार विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमसे बार बार पूछा जा रहा है कि Hp Board Result कब जारी करेगा। छात्रों की परेशानी का कारण सोशल मीडिया पर विभिन्न भ्रामक पोस्ट है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड पहले 12 वीं कक्षा का परिणाम जारी करेगा। इसके बाद 10 वीं कक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। 12 वीं कक्षा के नतीजे मई महीने के 15 मई से पहले जारी होने की पूरी संभावना है। और 10 वीं कक्षा के नतीजे 20 मई संभावित तारीख तक घोषित किए जा सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में कहा था कि 15 मई से पहले नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे अब देखना होगा बोर्ड कब जारी करेगा।
आप किसी भी भ्रामक पोस्ट पर यकीन न करें। www.hpbose.org पर विजिट करके आप अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं। बोर्ड द्वारा इसी बेवसाइट पर नतीजे घोषित किए जाएंगे।
जो पत्र सरकारी विभाग द्वारा दूसरे विभाग के लिए लिखे जाते हैं उन्हें प्राय सरकारी पत्र कहते हैं सरकारी पत्र के लेखन प्रक्रिया का वर्णन इस प्रकार से है
1. सरकारी पत्र प्राय एक सरकारी कार्यालय विभाग या मंत्रालय से दूसरे विभाग कार्यालय या मंत्रालय पर लिखे जाते हैं.
2. पत्र के शेष भाग पर कार्यालय विभाग तथा मंत्रालय का नाम और पता लिखा जाता है
3. पत्र के बाएं ओर फाइल संख्या या क्रमांक लिखा जाता है ताकि स्पष्ट हो सके कि संबंधित पत्र किस विभाग या कार्यालय द्वारा कब और क्यों लिखा गया है
4. प्रेषित का नाम पता आदि बाईं ओर लिखा जाता है और कई बार अधिकारी का नाम भी लिखा जाता है
5. तत्पश्चात "सेवा में" शब्द का प्रयोग किया जाता है
6. विषय शीर्षक के अंतर्गत पत्र का प्रयोजन किया जाता है
7. विषय के बाद बाईं ओर महोदय संबोधन लिखा जाता है
8. पत्र के बाएं ओर प्रेषक का नाम पता और तारीख दी जाती है।
9. पत्र के अंत में भवदीय शब्द का प्रयोग किया जाता है
10. भवदीय के नीचे पत्र प्रेक्षक के हस्ताक्षर होते हैं हस्ताक्षर के नीचे प्रेषक का नाम और पता और पद का नाम लिखा जाता है
11. पत्र लेखन के लिए आवश्यक है कि पत्र की भाषा सहज सरल और विषय अनुरूप होनी चाहिए। जटिल शब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
हड़प्पा सभ्यता(hadappa sabhyata ki Den) ने विश्व को निम्नलिखित चीजों का ज्ञान दिया जिसका विस्तार से वर्णन इस प्रकार से है -
1. नगरों का निर्माण- हड़प्पा सभ्यता से हमने योजना ढंग से नगरों का निर्माण करना सीखा। भावनों के निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग। खुले तथा हवादार भवन तथा दो तथा उससे अधिक मंजिलों के भावनों का निर्माण भी हड़प्पा सभ्यता की देन है जिसे प्रत्यक्ष रूप से आज देखा जा सकता है।
2. सर्वोत्तम नगर प्रबंध- हड़प्पा सभ्यता का नगर प्रबंध भी सर्वोत्तम ढंग था सड़के एवं गलियां चौड़ी बनाई जाती थी इनमें प्रकाश का पर्याप्त प्रबंध था शहर में सफाई तथा गंदे पानी के निकास के लिए नालियों की उत्तम व्यवस्था थी। बर्तन तथा ईटों की भट्टियों को शहर से दूर बनाया जाता था ताकि वातावरण प्रदूषित न हो।
3. ग्रहों तथा नक्षत्र का अध्ययन- हड़प्पा के निवासियों ने हमें ग्रहों और नक्षत्रों के अध्ययन के आधार पर बाढ़ आने की संभावना का पूर्व अनुमान लगाने की कला सिखाई ।इन्होंने ही हमें बाढ़ से अपने नगरों की सुरक्षा का ढंग बताया।
4. हार श्रृंगार - आधुनिक स्त्रियों द्वारा किए जाने वाले अनेक श्रृंगार हड़प्पा सभ्यता के समय में भी प्रचलित थे पुरुषों में केश व दाढ़ी का रिवाज हड़प्पा सभ्यता की देन है।
5. शतरंज तथा वाटो का प्रयोग- आज भी खेले जाने वाले खेल तथा वस्तुओं तोलने के लिए किए जाने वाले वाटो का प्रयोग हमने हड़प्पा सभ्यता के निवासियों से सीखा है।
6. कपास की खेती- हड़प्पा के लोगों ने ही कपास की खेती विश्व में प्रचलित की थी जो आज एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
7. बैलगाड़ी तथा नावों का प्रयोग- व्यापार के लिए बैलगाड़ी तथा नावों का प्रयोग हमने हड़प्पा लोगों से सीखा है जो कि उनकी देन है।